क्या देश से ज्यादा जरुरी सत्ता ?
चलो आज ये बताओ की जो भी अभी हमारे देश मैं होरहा क्या वो सही है ?
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rahul gandhi election commission |
विपक्ष अभी आंदोलन कर रहा है। क्या ये सही समय है ये सब करने का ?
जब बीजेपी सीटे जीत जाये तो EVM हैक होजाता है या तो फिर वोटो की चोरी होती हैं इतना ही नहीं इलेक्शन कमिशन बीजेपी के साथ मिलके इलेक्शन करवाती है। पर जब बीजेपी को छोड़ कोई भी अन्य पार्टी के सदस्य जीतते है तो फिर सब ठीक रहता है। ऐसा क्यों ?
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अभी हमारे देश पे विदेशी संकट आया हुआ है US ने तर्रीफ़ बढ़ा कर देश मैं एक नई समस्या उत्पन कर दी है। और इधर विपक्ष आंदोलन कर रहा। क्या देश से बड़ा बात है सत्ता मैं आना ?
जो भी हो आप अपने दिमाग से एक बार जरूर सोचियेगा की अगर राहुल गाँधी जी किओ ये जो कुछ भी करना था वो अभी ही क्यों कर रहे है ? बिहार इलेक्शन नजदीक आरहा है इसलिए ? इलेक्शन कमिशन से अगर उन्हें सवाल ही करने थे तो उन्होंने पहले क्यों नहीं किया ? चलिये अब अगर इतना कुछ उनहोने बोल ही दिया है तो फिर लिखित मैं दे क्यों नहीं देते ? उन्होंने तो पुरे रिसर्च करने के बाद ऐसा बोला है तो जरूर उनके पास कोई न कोई सबूत अवश्य ही होगा ना ?
क्या अभी देश इन सभी चीजों के लिए तैयार है ?
- विपक्ष लगातार आंदोलन कर रहा है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म है।
- EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की पारदर्शिता पर फिर से सवाल उठ रहे हैं।
- विदेशी संकट, खासकर आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियाँ, देश पर असर डाल रही हैं।
- संसद और मीडिया में इन मुद्दों पर तीखी बहस हो रही है।
- जनता के बीच चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा घटने की आशंका जताई जा रही है।
- विपक्ष और सत्ताधारी दल एक-दूसरे पर देशहित की अनदेखी के आरोप लगा रहे हैं।
- विदेशी संकट के बीच आंतरिक राजनीतिक टकराव और गहरा सकता है।
- विशेषज्ञ मानते हैं कि राजनीतिक दलों को साझा समाधान की दिशा में आना चाहिए।
- सवाल उठ रहा है कि क्या वर्तमान राजनीति में व्यक्तिगत व दलगत हित, देशहित से ऊपर हो गए हैं।
- हालात पर गहन विश्लेषण की जरूरत है ताकि राजनीति और नीति, दोनों जनता के हित में काम करें।
हाँ — विपक्षी नेता दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च कर रहे हैं और कई नेता अस्थायी रूप से हिरासत में लिए गए।
विरोध के दौरान राहुल गांधी सहित कुछ वरिष्ठ विपक्षी नेता पुलिस द्वारा रोके गए।
विपक्ष ने वोटर-लिस्ट संशोधनों और कथित “वोट-चोरी” जैसे मुद्दे उठाए हैं और EC से स्पष्टीकरण माँगा है।
EC ने मशीनों की सुरक्षा पर भरोसा जताया है और सार्वजनिक रूप से दिये गए हर दावे की पुष्टि नहीं की है।
राहुल गांधी ने कुछ उदाहरण साझा किए हैं; EC और मीडिया उनकी जाँच कर रहे हैं।
विपक्ष का कहना है कि ये कार्रवाइयाँ आगामी बिहार चुनाव को प्रभावित कर सकती हैं।
अमेरिका ने भारतीय आयात पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए हैं, जिससे आर्थिक और राजनीतिक चर्चा तेज़ हुई है।
लोकतंत्र में विरोध वैध है, लेकिन समय, सबूत और सार्वजनिक हित का ध्यान रखना ज़रूरी है।
आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें, अफवाहों से बचें और शांतिपूर्ण भागीदारी करें।
पारदर्शिता, स्वतंत्र जांच और संवाद ही भरोसा बहाल करने का रास्ता है।
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